शराबी शायरी
Sunday 23 February 2014
शराबी शायरी
ऐ दस्तूर-ए-मोहब्बत,
जरा देख तो मेरा रोना,
था दिल के जो करीब,
था उसी को हमसे दूर होना,
जिसको खोने से डरते थे,
उसी को पड़ा आज खोना।
Tuesday 4 February 2014
इंतजार शायरी
इंतजार शायरी
वो रुख्सत हुई तो आँख मिलाकर नहीं गई;
वो क्यों गई यह बताकर नहीं गई;
लगता है वापिस अभी लौट आएगी;
वो जाते हुए चिराग़ बुझाकर नहीं गई।
हमसे दूर होकर हमारे पास हो तुम;
हमारी सूनी
ज़िंदगी
की आस हो तुम;
कौन कहता है हमसे बिछड़ गए हो तुम;
हमारी यादों में हमारे साथ हो तुम।
Saturday 1 February 2014
दर्द भरे नग्मे
दर्द भरे नग्मे
लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं,
हम एक फूल तक ना तोड सके कभी..
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं.. …
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